उन्नत बाल चिकित्सा केंद्र (एडवांस्ड पीडियात्रिक सैंटर)
यह परियोजना १९८५ में ५० रुपए करोड़ रुपए की लागत से बनने वाले ३०० बिस्तरों के बच्चों के एक बहुविशेषता अस्पताल के रूप में मंजूर की गयी जिसमे एक ही छत के नीचे सभी आधुनिक चिकित्सा सुविधाएं बच्चों को प्राप्य होंगी। मई २२,१९९७ को भारत के राष्ट्रपति डॉ॰ शंकर दयाल शर्मा द्वारा ए॰पी॰सी॰ का उद्घाटन किया गया। यहाँ बाल्य रोग निवारण के लिए अनेक विशिष्टताओं लभ्य हैं, जैसे की बाल्यकालीन एलर्जी इम्यूनोलॉजी, रुधिर विज्ञान और कैंसर विज्ञान, बाल स्नायुविज्ञान और तंत्रिकाविज्ञान, छाती और फेफड़ों के रोग, बल हृदय रोग, नेफ्रोलॉजी (वृक्क विज्ञान), आनुवांशिक और चयापचय रोग इत्यादि।
नवजात गहन चिकित्सा कक्ष १००० बच्चों को जीवन संरक्षण सहायता और ५०० ग्राम से ऊपर के वज़न वाले २०० नवजात शिशुओं को कृत्रिम वेंटिलेशन प्रदान करता है। देश का पहला डी॰एम॰ (नियोनेटोलॉजी) प्रशिक्षण कार्यक्रम यहाँ शुरू हुआ था।
पीडियाट्रिक इंटेंसिव केयर यूनिट प्रतिवर्ष १००० से अधिक बच्चों को गहन मेडिकल देखभाल प्रदान कराता हैं। इन मे से ६० बच्चे कृत्रिम वेंटिलेशन भी प्राप्त करते हैं। बच्चों के लिए अलग से २४ घंटे आपातकालीन सेवा उपलब्ध है. इस केंद्र मैं बाल शल्य चिकित्सा और बाल हड्डी रोग (आर्थोपेडिक्स) विशेषतायेँ भी प्राप्य हैं।
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